March 29, 2024
Varn kise kahate hain

वर्ण किसे कहते हैं – वर्ण की परिभाषा, भेद और उदाहरण

वर्ण किसे कहते हैं? वर्ण के भेद कितने हैं? हेल्लो दोस्तों, अगर आप हिंदी व्याकरण सिख रहे हैं तो आपकी व्याकरण सिखने की शुरुआत “वर्ण” सिखने से ही होगी, क्योकि यही वह topic हैं जिसे आपको सबसे पहले सिखना होगा. यह एक बहोत ही महत्वपूर्ण विषय हैं जिसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता. इसके आलावा अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे हैं तब भी यह टॉपिक सीखना आपके लिए बहोत जरुरी हो जाता हैं.

तो चलिए अब हम आज का यह लेख शुरू करते हैं और सबसे पहले में आपको समजाऊंगा की वर्ण किसे कहते हैं, वर्ण की परिभाषा क्या हैं, फिर हम जानेंगे की वर्ण के भेद कितने होते हैं, वर्ण के उदाहरण क्या हैं.

Varn kise kahate hain
Varn kise kahate hain

हिंदी व्याकरण के मुख्य तिन भाग हैं जोकि “वर्ण”, “शब्द” और “वाक्य” हैं. जिनमे से आज आप वर्ण क्या हैं इसके बारेमे जानेंगे.

वर्ण किसे कहते हैं

वर्ण की परिभाषा: ध्वनी के सबसे सूक्ष्म रूप को जिन्हें की और आगे विभाजित नहीं करा जा सकता उन्हें वर्ण कहते हैं. भाषा की ध्वनी को लिखने के लिए हम कुछ चिन्हों का उपयोग करते हैं जिन्हें हम हिंदी लिपि के नाम से भी जानते हैं, तो उन्हें ही हम वर्ण कहते हैं. जैसे की “क”, “ख”, “ग”.

वर्ण के लिखित रूप को हम अक्षर कहते हैं और मौखिक रूप को ध्वनी कहते हैं.

अगर आप किसी शब्द में छुपे हुए वर्णों के बारेमे पता करना चाहते है तो यह भी आप कर सकते हैं.

जैसे की, कथा = क् + अ + थ् + आ

आप शब्दों का तो विभाजन कर पाएंगे पर वर्णों का नहीं. यह भाषा का सबसे छोटा इकाई होता हैं जिन्हें आगे और टुकड़ो में नहीं बांटा जा सकता.

यहाँ पर जाने की लिपि किसे कहते हैं.

तो आप सिख गए होंगे की varn kise kahate hain. अब हम वर्णमाला किसे कहते हैं इस पर नजर डालते हैं.

वर्णमाला किसे कहते हैं

ध्वनी के जो चिन्ह होते है जिन्हें हम वर्ण कहते हैं तो उनके एक सही और व्यवस्थित समूह को हम वर्णमाला कहते हैं. दुनिया की हर एक भाषा की अपनी एक अलग वर्णमाला होती हैं. किसीभी भाषा को लिखने के लिए अक्षरों की जरुरत पड़ती हैं और बोलने के लिए उनका उच्चारण और यह सब वर्णमाला से जुड़ा हुआ हैं.

आपको सम्पूर्ण हिंदी वर्णमाला के बारेमे सीखना चाहिए, उसके लिए आप यह पोस्ट पढ़े: हिंदी वर्णमाला

चलिए अब सिखते है की वर्ण के कितने भेद होते हैं.

वर्ण के भेद कितने होते हैं

हिंदी व्याकरण के अनुसार वर्ण के 2 भेद होते हैं.

  1. स्वर
  2. व्यंजन

स्वर किसे कहते हैं

स्वर की परिभाषा: स्वर ऐसी ध्वनी होती हैं जिन्हें बोलने के लिए, जिनका उच्चारण करने के लिए किसी अन्य ध्वनी की आवश्यकता नहीं होती हैं. हम बिना किसी अन्य स्वर का प्रयोग किये बिना स्वर का च्चारण कर सकते हैं. हिंदी व्याकरण में कुल 11 स्वर होते हैं.

स्वर: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ

इनके आलावा भी कुछ और होते है जैसे की अं, अः, ङ्, ञ्.

अब स्वर के भी तिन प्रकार होते हैं,

  1. ह्रस्व स्वर
  2. दीर्घ स्वर
  3. प्लुत स्वर

ह्रस्व स्वर: यह ऐसे स्वर होते हैं जिनके उच्चारण में बहोत कम समय लगता हैं. यह एकमात्रिक स्वर होते हैं.

जैसे की: अ, इ, उ, ऋ

दीर्घ स्वर: यह ऐसे स्वर होते हैं जिनके उच्चारण में ह्रस्व स्वरों की तुलना में दो गुना समय लगता हैं.

जैसे की: आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ

प्लुत स्वर: यह ऐसे स्वर होते हैं जिनके उच्चारण में दीर्घ स्वरों की तुलना में थोडा सा ज्यादा समय लगता हैं. हिंदी में इसका उपयोग नहीं हैं, यह संस्कृत में उपयोगित हैं.

जैसे की ओउम.

यह तो सिखा की स्वर किसे कहते हैं, चलिए हम व्यंजन किसे कहते हैं इस पर चर्चा करते हैं.

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व्यंजन किसे कहते हैं

व्यंजन ऐसी ध्वनिया होती हैं जिनका उच्चारण करने के लिए, जिन्हें बोलने के लिए हमें स्वर की सहायता लेनी पड़ती हैं. बिना स्वर का प्रयोग किये हम व्यंजनों को नहीं बोल सकते. जैसे की अगर हमें “क” बोलना हैं तो हम “क् + अ” बोलते हैं, इनमे एक स्वर भी होता हैं. हिंदी व्याकरण में 36 व्यंजन होते हैं.

व्यंजन वर्ण: क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज,झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, प, फ, ब, भ, म य, र, ल, व श, ष, स, ह क्ष त्र ज्ञ.

अब इनमे आगे भी व्यंजन वर्णों के प्रकार होते हैं. जिसकी जानकारी आपको निचे दी गयी हैं.

1. स्पर्श व्यंजन:

यह ऐसे व्यंजन होते हैं जिनको बोलते समय जीभ कंठ, तालु, दंत, ओष्ठ, मसूड़ा, आदि को स्पर्श करती हैं. इन वर्णों का उच्चारण करते समय जीभ मुह के अलग अलग हिस्सों को स्पर्श करती हैं और इसी वजह से इन व्यंजनों को स्पर्श व्यंजन कहते हैं.  

स्पर्श व्यंजन में 5 वर्ग होते हैं, जोकि कुछ इस प्रकार हैं.

क वर्ग – क्, ख्, ग्, घ्, ड़्

च वर्ग – च्, छ्, ज्, झ्, ञ्

ट वर्ग – ट्, ठ्, ड्, ढ्, ण्

त वर्ग – त्, थ्, द्, ध्, न्

प वर्ग – प्, फ्, ब्, भ्, म्

2. अंतःस्थ व्यंजन:

यह ऐसे व्यंजन होते हैं जिनका उच्चारण करते समय जीभ मुह के किसी भी अंग को पूरी तरह से स्पर्श नहीं करती हैं.

अन्तस्थ – य्, र्, ल्, व्

3. उष्म व्यंजन

यह ऐसे वर्ण होते हैं जिनको बोलते समय हमारे मुह में से हवा रगड़ कर बहार निकलती हैं, इससे एक ऊष्मा उत्पन्न होती हैं. उन्हें उष्म व्यंजन कहते हैं.

उष्म – श्, ष्, स्, ह्

4. संयुक्ताक्षर व्यंजन

यह ऐसे व्यंजन होते हैं जोकि दो या फिर दो से ज्यादा व्यंजनों से मिलकर बनते हैं.

संयुक्ताक्षर – क्ष, त्र, ज्ञ, श्र

क्ष = क् + ष + अ

त्र = त् + र् + अ

ज्ञ = ज् + ञ + अ

श्र = श् + र् + अ

तो अब आपको व्यंजन किसे कहते हैं इसके बारेमे अच्छे से समज में आ गया होगा. यहाँ पर मेने बहोत ही सरल तरीके से वर्ण के बारेमे समजाने का पूरा प्रयास किया हैं.

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Conclusion:

यहाँ पर आपने सिखा की वर्ण किसे कहते हैं, वर्ण क्या हैं और वर्ण कितने होते हैं, हिंदी व्याकरण में वर्ण का क्या महत्त्व हैं, वर्ण के भेद कितने हैं, वर्ण के प्रकार, स्वर किसे कहते हैं और व्यंजन किसे कहते हैं, स्वर और व्यंजन के कितने प्रकार होते हैं और उनकी परिभाषा क्या हैं. अगर आपको हिंदी व्याकरण के इस महत्वपूर्ण टॉपिक के बारेमे कुछ समज ना आया हो तो आप हमें अपने सवाल निचे comment करके बता सकते हैं.

इसी तरह हिंदी और English grammar से जुड़े लेख पढ़ने के लिए आप हमें follow कर सकते हैं. हम हमेशा व्याकरण और शिक्षा से जुड़े articles लिखते हैं तो आप उन्हें भी जरुर पढियेगा. धन्यवाद.

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